Tuesday, April 14, 2020

Lockdown के आखिरी दिन PM मोदी करेंगे देश को संबोधित, शुरू हो सकती हैं ये सेवाएं

नई दिल्ली: 


कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर लागू 21 दिन के लॉकडाउन का आज आखिरी दिन है. पीएम मोदी सुबह 10 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे, जिसको लेकर जनता उत्सुक है. राज्यों के साथ व्यापक तौर पर हुई चर्चा के बाद लॉकडाउन को दो हफ्ते तक बढ़ाने को लेकर आम सहमति बनती दिखी थी. इस बीच, यह उम्मीद बढ़ी है कि प्रधानमंत्री सिलसिलेवार तरीके से आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की योजना पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश ने सोमवार को लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. इन दोनों राज्यों के अलावा ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक पहले ही यह कदम उठा चुके हैं.


प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन इलाकों में कोरोना के कम मामले हैं वहां सरकार लॉकडाउन को धीरे-धीरे खत्म पर भी विचार कर रही है. सूत्रों ने NDTV को बताया कि लॉकडाउन के बीच सरकार प्रोडक्शन यूनिट को कुछ हद तक मंजूरी दे सकती है. इसके साथ-साथ दवा के प्रोडक्शन यूनिट को भी मंजूरी मिलने पर सहमित बनती दिख रही है. बस, रेल सेवा और हवाई यात्रा में हालांकि फिलहाल कोई छूट मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं, जिन इलाकों को कोरोना हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, वहां किसी भी तरह की कोई रियायत मिलने के संकेत नहीं मिल रहे हैं. बाकी इलाकों में प्रोडक्शन की इजाजत मिल सकती है.


इसके साथ-साथ दवा के प्रोडक्शन यूनिट को भी मंजूरी मिलने पर सहमित बनती दिख रही है. बस, रेल सेवा और हवाई यात्रा में हालांकि फिलहाल कोई छूट मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं, जिन इलाकों को कोरोना हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, वहां किसी भी तरह की कोई रियायत मिलने के संकेत नहीं मिल रहे हैं. बाकी इलाकों में प्रोडक्शन की इजाजत मिल सकती है.


सूत्रों ने बताया कि राज्यों को भी फैसले का अधिकार दिया जाएगा. हालांकि राज्यों ने केंद्र पर ही इसका फैसला छोड़ा है. बता दें कि देश के 18 राज्यों के 91 जिलों में 80% कोरोना के मामले हैं. दिल्ली, मुम्बई, इंदौर और पुणे पर ज़्यादा नज़र और निगरानी है. यहां के मामलों में कमी के बाद ही सही तरह से आकलन होगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि मई के पहले हफ्ते के बाद हालात बेहतर हो पाएगा. जमाती के मामलों के कॉन्टेक्ट्स के बाद हालात का मूल्यांकन बेहतर हो  पाएगा. रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट का अब भी है इंतज़ार किया जा रहा है. वहीं, 1 लाख बेड्स फिलहाल देशभर के हॉस्पिटल में तैयार हैं. इसके साथ-साथ 20% मरीजों को ही ऑक्सीजन या वेंटीलेटर की ज़रूरत बताई जा रही है. 


उधर, लॉकडाउन (Lockdown) हटाने के लिए कई चरणों में काम शुरू हो गया है. इसके लिए देश को तीन जोन में बांटे जाने की कवायद शुरू की जा रही है. इसके तहत ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन बनाए जा रहे हैं. लॉकडाउन को इन्हीं जोन के हिसाब से लागू किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की चार घंटे की मैराथन बैठक में चाहे लॉकडाउन दो हफ्ते बढ़ाने पर सहमति बनी हो, लेकिन यह भी आम राय है कि इसे धीरे-धीरे हटाया जाए. पीएम ने 'जान भी, जहान भी' की बात कहकर साफ कर दिया है कि वे कोरोना से लोगों की जान बचाने के साथ ही उनकी आजीविका और अर्थव्यवस्था को भी बचाना चाह रहे हैं. अब चरणबद्ध ढंग से एक-एक कर कदम बढ़ाया जाएगा.


दिल्ली : धर्म पूछकर सब्ज़ी वाले को डंडे से पीटा, वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने किया अरेस्ट

पुलिस ने प्रवीण बब्बर को गिरफ्तार कर लिया है. प्रवीण ने बताया वो टूर और ट्रेवल्स का काम करता है. उसने देखा कि 10 सब्ज़ी के दुकानदार रेहड़ी लेकर एक साथ घूम रहे हैं और लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं.


नई दिल्ली: 


दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने धर्म (Religion) पूछकर सब्जी वाले की पिटाई करने के आरोपी शख्स को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी का प्रवीण बब्बर है. आरोपी वीडियो में एक सब्ज़ी बेचने वाले से उसका धर्म पूछकर डंडे से उसकी पिटाई करता हुआ नजर आ रहा था. आरोपी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. दक्षिणी पूर्वी दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा के मुताबिक, ट्विटर पर कई जाने-माने लोगों ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें एक शख्स एक सब्ज़ी बेचने वाले का धर्म पूछकर उसकी पिटाई कर रहा है. 


 


 

 


महाराष्ट्र: बीड में फर्जी लॉकडाउन ई-पास बेचने वाला गिरफ्तार

महाराष्ट्र के बीड में लॉकडाउन में आवाजाही के लिए फर्जी पास बनाने के आरोप में 21 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया गया.


औरंगाबाद: 


महाराष्ट्र के बीड में लॉकडाउन में आवाजाही के लिए फर्जी पास बनाने के आरोप में 21 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि महेश अशोक फापल नामक इस युलक को जिले के बेलोरा गांव से पकड़ा गया. दिनरुड पुलिस थाने के अधिकारी ने कहा, 'स्वास्थ्य या अन्य किसी आपात स्थिति में आने जाने और आवश्यक सामानों की आवाजाही के लिए ये पास ऑनलाइन उपलब्ध हैं. फापल मोबाइल फोन पर नकली पास बनाकर बेच रहा था. उसके पास चार-पांच फर्जी पास बरामद हुए.' उसे धोखाधड़ी के लिए गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.


Saturday, April 11, 2020

जम्‍मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट पर प्रतिबंध श‌िक्षा के अधिकार का हनन, सुप्रीम कोर्ट में प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने दायर की याचिका

प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन, जम्मू और कश्मीर (PSAJK) ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर में 4 जी कनेक्टिविटी की अनुपलब्‍धता शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन कर रही है। PSAJK में 2,200 से अधिक स्कूल शामिल हैं। एडवोकेट शोएब कुरैशी और चारू अंबवानी की त्वरित याचिका में 18 जनवरी 2020, 24 जनवरी 2020, 26 मार्च 2020 और 03 अप्रैल 2020 के सरकारी आदेशों को चुनौती दी गई है, जिनके तहत जम्‍मू और कश्मीर में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और उसके बाद इंटरनेट पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद शिक्षा क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। इंटरनेट की सीमित उपलब्‍धता के कारण ज्ञान के प्रसार और ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने में व्यवधान हो रहा है। COVID 19 के दौर में ये संकट और बढ़ गया है। याचिका में कहा गया है, "संविधान प्रदत्त सभी मौलिक अधिकारों में शिक्षा का अधिकार सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। ज्ञानार्जन और प्रसार के माध्यम के रूप में इंटरनेट शिक्षा के अधिकार को अधिक सशक्त बनाता है। श‌िक्षा प्रदान करने के माध्यम के रूप में इटरनेट, ऑनलाइन पाठ्यक्रम और कक्षाएं मौजूदा दौर में ज्यादा जरूरी हो गई हैं, जबकि जम्मू और कश्मीर गंभीर प्रतिबंधों से गुजर रहा है।" याचिका में उन कथित कानून विरोधी प्रवृत्त‌‌ियों का भी जिक्र है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों के जर‌िए निर्धारित विभिन्न परीक्षणों की विरोधाभासी हैं। "इंटरनेट पर प्रतिबंध का आदेश सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुराधा भसीन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में निर्धारित कानून का पालन किए बिना पर‌ित किया गया है। इसके अलावा, प्रतिबंध आदेश, अनुराधा भसीन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, (साथ में पढ़ें) जस्टिस केएस पुट्टुस्वामी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित आनुपातिकता परीक्षण में भी असफल रहें।" प्रतिबंध का आदेश शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन करता है और याचिकाकर्ताओं के कारोबार और व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करने के अधिकार का भी उल्‍लंघन करता है। याचिका के सा‌थ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कक्षा 5 के छात्र द्वारा लिखे गए एक पत्र को भी संलग्न किया गया है, जिसमें लगातार होने वाले व्यवधानों के कारण छात्रों और शिक्षकों को होने वाली परेशानी का जिक्र किया गया है। पत्र इस प्रकार है- प्रिय मोदी जी, मैं दुखी, निराश, क्रोधित और तनावग्रस्त हूं क्योंकि मैं 2G के कारण अपने स्कूल (PCHSS) द्वारा दी जा रही ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं हो सका। 2 जी पर ऑनलाइन कक्षाएं काम नहीं करती है। मैं अगस्त 2019 से अपने स्कूल से दूर था (आप जानते हैं कि क्यों) और जब मैं दोबारा अपने स्कूल से जुड़ा तो कोरोनेवायरस के कारण स्कूल फिर से बंद हो गए। हमारे शिक्षकों ने हमें ऑनलाइन कक्षाओं के जर‌िए पढ़ाने का फैसला किया लेकिन ये हो नहीं पाया। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमें 4G वापस दें ताकि हम अपनी पढ़ाई कर सकें।" उपरोक्त पत्र के आलोक में याचिका में कहा गया है- "चूंकि छात्रों और स्कूलों का भविष्य दांव पर है और याचिकाकर्ताओं के पास कोई विकल्प नहीं बचा था, इसलिए माननीय कोर्ट से संपर्क किया है।" सुप्रीम कोर्ट ने दिया नोटिस एक अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को फाउंडेशन ऑफ मीडिया प्रोफेशनल्स द्वारा दायर याचिका में एक नोटिस जारी किया, जिसमें COVID-19 महामारी के मद्देनजर, जम्मू और कश्मीर में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की मांग की गई थी। गुरुवार को जस्टिस एनवी रमना की बेंच के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा था कि लॉकडाउन ऑनलाइन कक्षाएं को केवल टेक्नॉलोजी के बेहतर करके ही दी जा सकती हैं।" उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में संचार पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया ‌था। पांच महीने बाद जनवरी 2020 में, अनुराधा भसीन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आंशिक रूप से सेवाओं को बहाल किया गया था। 3 अप्रैल, 2020 को, जम्मू-और कश्मीर प्रशासन ने मोबाइल इंटरनेट पर मौजूदा प्रतिबंधों को 15 अप्रैल तक बनाए रखने का आदेश पारित किया था।

https://hindi.livelaw.in/category/news-updates/lack-of-4g-net-during-lockdown-dismantles-right-to-education-plea-in-sc-by-private-schools-association-jk-155067


COVID19: लॉकडाउन बढ़ाएं और गर्मियों की छुट्टियां रद्द करें, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश गोस्वामी ने मुख्य न्यायाधीश बोबडे को लिखा पत्र


Friday, April 10, 2020

केवल आशंका कि समाचार पत्र कोरोना वायरस ले जा सकते हैं, नागरिकों के सूचना के अधिकार को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट ने अखबारों को दी छूट के खिलाफ याचिका खारिज की

मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रिंट मीडिया को दी गई छूट के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज करते हुए कहा कि "केवल आशंका" कि समाचार पत्र कोरोना वायरस ले जा सकते हैं, नागरिकों के सूचना के अधिकार को प्रतिबंधित करने का आधार नहीं हो सकता है। न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन और न्यायमूर्ति आर हेमलता की पीठ ने कहा , "केवल आशंका या कम से कम संभावना, अखबारों के प्रकाशन पर रोक लगाने का आधार नहीं हो सकती क्योंकि यह न केवल प्रकाशक, संपादक बल्कि पाठकों के भी भारत के संविधान द्वारा अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के समान होगा। " याचिकाकर्ता द्वारा दायर विभिन्न शोध रिपोर्टों की पृष्ठभूमि में दावा किया गया था कि कागज, विशेष रूप से समाचार पत्र, कोरोना वायरस के "संभावित वाहक" हो सकते हैं। याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि यदि समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं और इसे पाठकों को दिया जाता है, तो वायरस फैलने की संभावना होती है, अगर पेपर डिलीवरी बॉय कोरोना वायरस से संक्रमित हो तो। अपने दावों को साबित करने के लिए, उन्होंने द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन में प्रकाशित "SARS-CoV-1 की तुलना में SARS-CoV-2 की एरोसोल और सरफेस स्टेबिलिटी" नामक एक अध्ययन पर भरोसा किया, जिससे यह दावा किया गया कि वायरस अखबार पर 4-5 दिनों के लिए जीवित रह सकता है। ऐसी सभी धारणाओं को खारिज करते हुए, पीठ ने कहा कि ऐसे सभी शोध प्रकृति में "प्रारंभिक" हैं और इस तरह, ये अटकलें निर्णायक नहीं हैं। पीठ ने कहा , "यह अभिलेखों और मीडिया से भी स्पष्ट है कि समाचार पत्रों के माध्यम से या कागज की सतह के माध्यम से वायरस का प्रसार इतना व्यापक नहीं है। जैसा कि अतिरिक्त एडवोकेट जनरल ने इस क्षेत्र में शोध को बहुत सीमित और न्यूनतम बताया है। जब प्रारंभिक अनुसंधान पर आधारित और उपलब्ध आंकड़ों के अभाव में, शोध बड़े पैमाने पर नहीं किए गए हैं और निर्णायक रूप से यह तय नहीं किया गया है, अगर प्रिंट मीडिया पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो यह देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ जाएगा। " अदालत ने खुद याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत एक शोध अध्ययन पर भरोसा किया, जिसमें यह कहा गया था कि हालांकि कागज उत्पादों में बीमारी फैलने का खतरा है, फिर भी सभी परिदृश्यों में जिसके माध्यम से वायरस फैल सकता है, ये समाचार पत्रों के माध्यम से " कम से कम संभावित" फैलेगा। शोध ने यह भी सुझाव दिया कि समाचार पत्रों या मुद्रा नोटों को संभालने के बाद केवल साबुन से हाथ धोने से संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाया जा सकता है। इस पृष्ठभूमि में, "जब वायरोलॉजी के प्रोफेसर ने खुद कहा है कि पेपर उत्पादों के माध्यम से वायरस का संचरण कम से कम संभावित है, तो लोगों के मन में कोई आशंका नहीं हो सकती है कि समाचार पत्रों के माध्यम से वायरस फैल सकता है। यहां तक ​​कि ऐसे तरीके भी हैं जिनके द्वारा वायरस का प्रसार रोका जा सकता है। समाचार पत्रों को पढ़ने के बाद साबुन से हाथ धोने या पढ़ने से पहले समाचार पत्रों को लोहे के बॉक्स से इस्त्री करने से भी इसे निषिद्ध / रोका जा सकता है। केवल आशंका या कम से कम संभावना समाचार पत्रों के प्रकाशन को प्रतिबंधित करने का आधार नहीं हो सकती क्योंकि यह न केवल प्रकाशक, संपादक बल्कि पाठकों के भी मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के समान होगा जिसकी भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत गारंटी दी जाती है। " पीठ ने यह भी कहा कि जिन देशों में ये शोध हुए थे, उन देशों ने भी अखबारों के प्रकाशन पर रोक नहीं लगाई थी। इस प्रकार अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि सूचना का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और इसलिए, प्रिंट मीडिया को प्रकाशन से प्रतिबंधित करने का कोई भी कदम नागरिकों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ जाएगा। इस उद्धरण के द्वारा निष्कर्ष निकाला गया, "समाचारपत्र शास्त्रों की तुलना में औसत आदमी के लिए अधिक महत्वपूर्ण बन गए हैं।"





Wednesday, April 8, 2020

रिपोर्टरों की आवश्यकता है




      जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख      रिपोर्टरों की आवश्यकता है


BBC INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।




कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।

आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित   डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।

नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( 4 अंकों मे  )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.

आवश्यक सामग्री :- BBC INDIA के नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।

प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।

पता :- ‘‘BBC INDIA’’

‘‘Jasus patrakar Sansad’’

Near Civil Court .Ambedkar tiraha Jaunpur(U.P.)

मोबाइल : 09838002022



क्र. पद का नाम योग्यता

1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक

2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )

3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )

4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )

5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )







Posted 08 April 2020  by Deep Chand Yadav Editor 

 



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Tuesday, April 7, 2020

यूपी में कोरोना के 16 नए मामले आए सामने, मरीजों का आंकड़ा 300 के करीब

यूपी में कोरोना के 16 नए मामले आए सामने, मरीजों का आंकड़ा 300 के करीब


उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर लगातर बढ़ता जा रहा है। सोमवार को उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित 16 और नए मरीज मिले है। सोमवार को लखनऊ स्थित केजीएमयू अस्पताल ने इन नए 16 मरीजों में कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि की। इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों की संख्या 295 तक पहुंच गई है। इससे पहले सोमवार को 44 नए करोना मरीज सामने आए थे।


लाइव अपडेट्स


- सिंगर कनिका कपूर करोना वायरस से बिल्कुल ठीक हो गई हैं और सोमवार को उन्हें अस्पलात से उन्हें छुट्टी मिल गई। 20 मार्च से लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कनिका कपूर की छठीं रिपेार्ट नेगेटिव आई है।


16 नए मरीजों में 6 लखनऊ के बलरामुपर अस्पताल में, 8 सीतापुर के खैराबाद अस्पताल में और दो आगरा के एसएन अस्पताल में भर्ती है।


- उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित 16 और नए मरीज मिले है। लखनऊ में स्थित केजीएमयू अस्पताल ने की पुष्टि।









ANI UP
 

@ANINewsUP



 




 

16 more people (all men) have tested positive for , they are admitted at various hospitals in the state: King George's Medical University (Lucknow) Administration







 


131 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं


 






 



 




एक कोरोना मरीज प्रयागराज में मिला है जो एक इंडोनेशियाई नागरिक है। यह युवक दिल्ली के निजामुद्दीन मर्कज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए था।









ANI UP
 

@ANINewsUP



 




 

An Indonesian national who had attended the Tablighi Jamaat event in , Delhi has tested positive for coronavirus. He is currently under quarantine at a hospital in the district: Prayagraj District Administration






Twitter पर छबि देखें










 


97 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं


 






 



 




 


सबसे ज्यादा मरीज नोएडा में
अब तक कोरोना के जो मरीज पाए गए हैं उनमें सर्वाधिक 58 नोएडा के हैं। आगरा के 49, मेरठ के 33, लखनऊ के 15, गाजियाबाद के 23, लखीमपुर खीरी के चार ,कानपुर के सात, पीलीभीत के दो, मुरादाबाद का एक, वाराणसी के सात, शामली के 14, सहारनपुर के 15, जौनपुर के तीन, बागपत के दो, बरेली के छह, बुलंदशहर के तीन, बस्ती के पांच, हापुड़ के तीन, गाजीपुर के पांच, आजमगढ़ के तीन, फिरोजाबाद के चार, हरदोई का एक, प्रतापगढ़ के तीन, शाहजहांपुर का एक, बांदा के दो, महाराजगंज के छह, हाथरस के चार, मिर्जापुर के दो, सीतापुर में छह रायबरेली के दो और प्रयागराज, औरैया व बाराबंकी का एक-एक मरीज शामिल है।


4796 की रिपोर्ट आई निगेटिव, 179 की आना बाकी 
यूपी में अभी तक कुल 5255 संदिग्ध मरीजों के नमूने जांच के लिए लैब भेजे जा चुके हैं और इसमें से 4796 की रिपोर्ट निगेटिव आई है यानी इनमें कोरोना वायरस नहीं पाया गया। वही 179 की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।  विदेश यात्रा से  लौटे 19334 आज हुए चिन्हित  यूपी में अभी तक चीन सहित विभिन्न देशों की यात्रा कर लौटे 61537 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है। रविवार को ऐसे 19334 लोग चिन्हित किए गए।


वाराणसी के कोरोना वार रूम में डॉक्टरों की भी तैनाती, जरूरत हो तो 1077 मिलाएं

वाराणसी के कोरोना वार रूम में डॉक्टरों की भी तैनाती, जरूरत हो तो 1077 मिलाएं


वाराणसी में सिगरा स्थित स्मार्ट सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर में बने कोविड-19 यानी कोरोना वार रूम डाक्टरों की भी तैनाती की गई है। फोन करके ही आप इन डाक्टरों से किसी तरह की सलाह ले सकते हैं। यहां सुबह आठ से रात आठ बजे तक डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं। इसके लिए आपको फोन करना होगा। नंबर 1077 है।


यहां फोन करने पर आपको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर बीएचयू अस्पताल तक की सुविधाओं की जानकारी के साथ संबंधित गांव ब्लॉक या अस्पताल के डॉक्टरों व विभागीय अधिकारियों के नंबर भी मिल जाएंगे। संबंधित अधिकारियों तक सूचना भी दी जाएगी। वार रूम में स्वास्थ्य विभाग, कृषि खाद्य सामग्री, पुलिस, नगर निगम के अलग-अलग सेंटर बने हुए हैं। 


फिलहाल यहां आने वाली कॉल में सबसे ज्यादा राशन कार्ड बनवाने और राशन वितरण में दिक्कतों को लेकर शिकायतें आ रही हैं। इसके अलावा खाद्य सामग्री की उपलब्धता के लिए भी लोग काफी संख्या में फोन कर रहे हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा कॉल स्वास्थ्य विभाग के पास आ रही है। इनमें निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम क्लीनिक बंद होने के कारण समस्या बता रहे हैं और दवाएं पूछ रहे हैं। 


अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. मनीषा सिंह ने बताया कि बुखार, सर्दी जुकाम होने पर लोग कोरोना होने का संशय पर सवाल पूछ रहे हैं। लेकिन जब डॉक्टर से पूरे लक्षणों पर बात हो रही है तब लोगों को राहत मिल रही है। नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि वार्ताओं में आने वाली शिकायतों को प्राथमिकता से निस्तारण के लिए कहा गया है।


आजमगढ़ क्वारंटीन सेंटर से भागा बलिया का जमाती मऊ में पकड़ा गया

आजमगढ़ क्वारंटीन सेंटर से भागा बलिया का जमाती मऊ में पकड़ा गया











आजमगढ़ के क्वारंटाइन सेंटर से भागे एक जमाती को मऊ की पुलिस ने पकड़ लिया है। दक्षिण टोला थाने की पुलिस ने मोमिनपुरा मोहल्ले स्थित उसके बहनोई के घर से जमाती को पकड़ा। उसे फिलहाल मऊ में स्थित एक क्वारंटीन सेंटर पर रख दिया गया है।


मऊ के पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि बलिया के रसड़ा का रहने वाला जमाती पिछले दिनों आजमगढ़ जनपद के क्वारंटीन सेंटर से भाग गया था। हालांकि उसमें कोई लक्षण नहीं है लेकिन जमात से लौटने वालों को घरवालों से अलग क्वारंटीन सेंटरों में रखा गया है। उसकी तलाश में आजमगढ़ के साथ ही बलिया की पुलिस भी लगी थी। सर्विलांस से उसकी लोकेशन मऊ में मिली। इसके बाद मऊ की पुलिस को भी बताया गया। 


रविवार की रात दक्षिण टोला पुलिस ने मोमिनपुरा स्थित जमाती के बहनोई के घर पहुंची और उसे लाकर फिलहाल शहर के सिकटिया स्थित लिटिल फ्लावर स्कूल के क्वारंटाइन सेंटर पर रखा गया है। उसकी पल-पल की गतिविधि पर पुलिस अपनी पैनी नजर रखे हुए हैं। वह क्वारंटीन सेंटर से क्यों भागा फिलहाल इस बारे में पुलिस कुछ नहीं बता रही है।














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पत्नी ने दी मुखाग्नि, कोरोना के डर से अर्थी को कंधा देने भी नहीं आया कोई रिश्तेदार

पत्नी ने दी मुखाग्नि, कोरोना के डर से अर्थी को कंधा देने भी नहीं आया कोई रिश्तेदार











कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने का डर लोगों में इनता ज्यादा है कि वह किसी के अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो रहे हैँ। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में कुछ ऐसा वाकया सामने आया। यहां एक युवक की मौत हो गई तो ना रिश्तेदार आए और ना ही पड़ोसी। अर्थी को कंधा देने के लिए भी चार लोग नसीब नहीं हुए। इसके बाद पत्नी ने किसी तरह जिला पंचायत सदस्य की मदद से शव को घाट पहुंचवाया और खुद ही चिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार पूरा किया। 


बबुरी कस्बा के मजदूर 40 वर्षीय संतोष जायसवाल की रविवार की सुबह जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। बेबसी की मारी पत्नी गुड़िया पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। लॉक डाउन में ग्रामीण जहां शव यात्रा में शामिल होने से इनकार कर दिए। वहीं शव के दाह संस्कार के लिए पैसा आड़े आने लगा। जिपं सदस्य सूर्यमुनी तिवारी ने निजी साधन से शव को बाबा अवधूत भगवान घाट पड़ाव भिजवाया। जहां जिपं सदस्य शिवशंकर सिंह पटेल, सुभाष मौर्या व देव मौर्या ने लकड़ी व अन्य सामान की व्यवस्था की। घाट पर गुड़िया ने पत्नी धर्म का पालन करते हुए शव को मुखाग्नि दी।


पीडीडीयू नगर के नईबस्ती अलीनगर की गुड़िया देवी की बबुरी कस्बा के बिहारी जायसवाल के पुत्र संतोष जायसवाल से शादी हुई थी। तीन वर्ष पूर्व बेटी रोशनी का जन्म हुआ। एक वर्ष पूर्व ससुर बिहारी की मौत हो गई। संतोष मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। दो माह पूर्व संतोष की तबीयत खराब हो गई, तो उसका उपचार जिला अस्पताल से चल रहा था। इसी बीच गुड़िया के भाई की भी मौत हो गई। दो सप्ताह पूर्व संतोष की तबीयत पुन: खराब हो गई। संतोष को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां रविवार की अलसुबह उसकी मौत हो गई।


गुड़िया शव लेकर मायके पहुंची। उसने भाजपा नेता सूर्यमुनी तिवारी से गुहार लगाई। उन्होंने तत्काल साधन उपलब्ध कराकर शिवशंकर सिंह पटेल को अवगत कराया। इधर, गुड़िया अपने पति का शव लेकर अवधूत भगवान राम घाट पड़ाव पहुंची। शिवशंकर सिंह पटेल ने लकड़ी व अन्य सामान की व्यवस्था की। गुडिया ने पति के शव को मुखाग्नि दी।


भाजपा नेता ने ली जिम्मेदारी
जिला पंचायत सदस्य सुर्यमुनी तिवारी ने गुडिया व उसकी तीन वर्षीय बेटी की पूरी जिम्मेदारी ली है। उन्होंने बताया कि अपने निजी विद्यालय में गुड़िया को योग्यतानुसार नौकरी और रोशनी को पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि रोशनी को शिक्षा ग्रहण कराने के बाद शादी तक की जाएगी।














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आजमगढ़ में पत्नी की चाकू से हत्या कर पहुंचा थाने, अवैध संबंधों के शक में वारदात

आजमगढ़ में पत्नी की चाकू से हत्या कर पहुंचा थाने, अवैध संबंधों के शक में वारदात


आजमगढ़ में सरायमीर थाना क्षेत्र के खंडवारी गांव में सोमवार की भोर में अवैध संबंधों के शक में पति ने पत्नी की चाकू मारकर हत्या कर दी। वारदात के बाद गिरफ्तारी देने खुद थाने पहुंच गया।


पुलिस के अनुसार सरायमीर थाना क्षेत्र के खण्डवरी गांव निवासी 45 वर्षीया अमीना का पति इरसाद से अक्सर विवाद होता था। अवैध संबंधों के शक में कई बार मारपीट भी हो चुकी थी।रविवार की रात दोनों में फिर विवाद हो गया। शोरगुल सुनकर दूसरे कमरे में सोए बच्चे भी जाग गए और बाहर आ गए। इसी बीच गुस्से में पति ने पत्नी पर चाकू से कई वार कर दिया। पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। 


घटना की जानकारी हुई तो पास-पड़ोस के लोग भी पहुंच गए। इससे पहले कि पुलिस को मामले की जानकारी दी जाती, पति खुद घर से 8 किलोमीटर दूर थाने पहुंच गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


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