Tuesday, February 25, 2020

वाराणसीः खोजवा में फिर घुसा नगर निगम का बुलडोजर, कश्मीरीगंज में पथराव,

वाराणसीः खोजवा में फिर घुसा नगर निगम का बुलडोजर, कश्मीरीगंज में पथराव,


खोजवां, कश्मीरीगंज में सोमवार को नगर निगम ने अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। कश्मीरीगंज में टीम पर स्थानीय लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ा और पथराव हुआ। पथराव के विरोध में पुलिस ने बल प्रयोग किया। स्थानीय युवकों पर पुलिस ने लाठी भी बरसाई जिससे दो लोगों को हल्की चोटें आई। इस दौरान खोजवां, कश्मीरीगंज में भगदड़ मच गई और अफरा-तफरी का माहौल हो गया। नगर निगम अधिकारियों समेत पुलिस व प्रवर्तन दल के अधिकारियों पर भी लोगों की नाराजगी रही और नारेबाजी कर लोगों ने विरोध जताया। स्थानीय निवासी अजय कुमार के खिलाफ ईंट-पत्थर चलाने पर नगर निगम के तहसीलदार विनय राय की तहरीर पर मुकदमा मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।


कश्मीरीगंज में संकट मोचन महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र के घर की दीवार तोड़ने पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई और नगर निगम की टीम पर पथराव किया। साथ ही खोजवां पुस्तकालय पर भी जेसीबी ने तोड़फोड़ की। पुस्तकालय के अध्यक्ष राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रवींद्र जायसवाल हैं। हालांकि पथराव में कोई घायल नहीं हुआ है। लेकिन टीम को कार्रवाई बीच में ही छोड़कर वापस लौटना पड़ा।


इससे पहले दोपहर दो बजे अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू हुआ। खोजवां में डेढ़ दर्जन मकानों व दुकानों की दीवारों समेत चबूतरों को तोड़ गया। कश्मीरीगंज में भी एक दर्जन से ज्यादा पक्के निर्माण तोड़े गये। अभियान के दौरान पांच घरों के बाहर लगे बिजली मीटर भी जेसीबी ने उखाड़ दिये जिससे स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी रही। लोगों का कहना था कि बार-बार अतिक्रमण अभियान के नाम पर परेशान किया जा रहा है। जबकि नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के लिए ये कार्रवाई की जा रही है और प्रतीक के रूप में चबूतरे, दीवारें तोड़ी जा रही हैं।


नगर निगम के अधिकारियों ने लोगों को खुद से अतिक्रमण तोड़ने की अपील की। अतिक्रमण कार्रवाई के दौरान मिठाई की दुकानों, मकानों, दवा, किराना की दुकानों के बाहर चबूतरों को ध्वस्त किया गया। इस दौरान अतिक्रमण विभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव, प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल राघवेंद्र मौर्य आदि मौजूद थे। 


सरकारी अधिकारी नहीं मान रहे सरकारी कागज
संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा कि कश्मीरीगंज स्थित उनके भवन की दीवार जबरन गिराई गई है। सरकारी अधिकारी ही सरकारी दस्तावेजों को मानने से इनकार कर रहे हैं। प्रो. मिश्र ने कहा कि सोमवार को अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम के साथ मौजूद एसीएम को जब तहसील से मिले भवन संबंधी दस्तावेज दिखाए गए तो उन्होंने यह कहते हुए कुछ भी सुनने से इनकार कर दिया कि ‘मैं तहसील के कागज को नहीं मानता।’ प्रो. मिश्र ने कहा कि इससे पहले भी उनके भवन के आगे के चबूतरे को जबरन तोड़ दिया गया है। यह भवन वर्ष 1936 में बना है जिसे हमारे परिवार ने वर्ष 1954 में खरीदा था। 


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