Saturday, December 7, 2019

हैदराबाद एनकाउंटर: काशी में महिलाओं ने मनाया जश्न, बांटी मिठाइयां

हैदराबाद एनकाउंटर: काशी में महिलाओं ने मनाया जश्न, बांटी मिठाइयां


हैदराबाद एनकाउंटर पर काशी में भी जश्न मनाया गया। महिला डाक्टर से बलात्कार और हत्या के चार आरोपियों का एनकाउंटर होने के बाद लक्सा पर महिलाओं ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया। इस दौरान महिलाओं ने सरकार से मांग की कि पूरे देश में जहां भी ऐसी घटना हो उनके आरोपियों को ऐसी ही सजा दी जाए। जश्न मनाने वाली महिलाओं का कहना है कि देश में महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़ता जा रहा है ऐसे में सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए और जिस तरह से हैदराबाद में हैवानियत करने वालों का एनकाउंटर हुआ है इससे महिलाओं में खुशी का माहौल है। वहीं, जिला मुख्यालय पर अधिवक्ताओं के एक ग्रुप ने पटाखे फोड़कर खुशी मनाई। भारत विकास परिषद ने जैतपुरा में खुशियां मनाईं। 


पूर्वांचल के सभी जिलों में भी लोगों ने एनकाउंटर पर खुशी मनाई। हालांकि साहित्यकारों व अधिवक्ताओं का एक धड़ा ऐसा भी है जिनका मानना है कि न्यायिक प्रक्रिया से दंड मिलना चाहिए। लोगों ने कहा कि हैदराबाद की घटना के आरोपितों ने निर्ममता की सारी हदें पार कर दी थी। ऐसे घिनौना कृत्य के आरोपित और दूसरी ओर पुलिस हिरासत से भागने जैसा हिम्मत करना निंदनीय है। पुलिस ने आवश्यक कार्यवाही की। बलात्कारियों को जैसा दंड मिला, ऐसा ही होना चाहिए। जिस प्रकार से आरोपितों को पुलिस गिरफ्त से भागते दिखाया जा रहा है, अगर ऐसा था तो पुलिस की कार्रवाई उचित है। 


लोगों ने कहा कि हैदराबाद के चिकित्सक के साथ हुई घटना मर्माहत करने वाली थी। ऐसे अपराधों में त्वरित और सख्त सजा का प्रविधान होना चाहिये। ताकि ऐसे घिनौना कृत्य करने का कोई दुस्साहस न कर सके। महिला चिकित्सक के साथ हैदराबाद में हुई घटना के दोषियों का एनकाउंटर मन को शांति प्रदान करने वाला है। देश में इस तरह की अन्य घटनाओं के दोषियों को भी इसी तरह की सजा मिलनी चाहिए। महिला चिकित्सक के साथ हुए कृत्य के दोषियों का एनकाउंटर बहुत ही सराहनीय है। चिकित्सक केवल व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि वह जीवन दाता होता है। उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने वालों को यही दंड मिलना चाहिए। बलात्कारियों को दिया गया यह दंड सराहनीय है। देश के अन्य हिस्सों में ऐसी घटनाओं के दोषियों के साथ ऐसा ही होना चाहिए। देश में ऐसे कृत्य पर कठोर दंड से कमी आयेगी और अबलाओं में सबलता आयेगी। हैदराबाद कांड के दोषियों के साथ जो भी हुआ है वह सही है। 


कुछ लोगों का कहना है कि हैदराबाद कांड के दोषियों के एनकाउंटर की न्यायिक जांच होनी चाहिए। ऐसे मामलों के दोषियों को त्वरित दंड मिलना चाहिए, लेकिन न्यायालय के माध्यम से। बलात्कारियों को दंड देना एक तरह से जनता का क्षोभ शांत करने की प्रक्रिया मात्र है। हम जनभावना का कद्र जरूर करते हैं लेकिन यह दंड प्रक्रिया कानून का रूप ले तो यह दंड उचित है। एनकाउंटर की न्यायिक जांच होनी चाहिए। हैदराबाद के महिला चिकित्सक के दोषियों का एनकाउंटर सही नहीं है। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। देश में कई एनकाउंटर के मामलों में फर्जी होने का आरोप-प्रत्यारोप लग चुका है। शायद इसकी त्वरित जांच के बाद एनकाउंटर हुआ होता तो लोकतंत्र के लिए बेहतर होता।


UPPSC PCS prelims 2019: नकल रोकने के लिए यूपीपीएससी उठाएगा कदम

UPPSC PCS prelims 2019: नकल रोकने के लिए यूपीपीएससी उठाएगा कदम


UPPSC PCS prelims 2019: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2019 प्रारंभिक परीक्षा में जैमर लगाने की तैयारी है। 15 दिसंबर को प्रस्तावित परीक्षा की तैयारियों को लेकर जिलों के नोडल अधिकारियों की बैठक गुरुवार को आयोग में हुई। इसमें परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाने, सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा कराने और प्रश्नपत्र व उत्तरपुस्तिका की खोलते व बंद करते समय वीडियोग्राफी कराने समेत अन्य बिन्दुओं पर चर्चा हुई।


प्रारंभिक परीक्षा दो पालियों में सुबह 9.30 से 11.30 और 2.30 से 4.30 बजे तक आगरा, प्रयागराज, आजमगढ़, बरेली, बाराबंकी, गोरखपुर, अयोध्या, गाजियाबाद, जौनपुर, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, रायबरेली, सीतापुर, वाराणसी, मथुरा व मीरजापुर जिलों में होगी। सभी जिलों में एडीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है। नोडल अधिकारियों को निर्देश बैठक में दिए गए। बैठक में अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार, सचिव जगदीश समेत अन्य अधिकारी रहे। इसके लिए 5,44,664 ऑनलाइन आवेदन हुए हैं।


Friday, December 6, 2019

UPSC IAS इंटरव्यू में पूछा- आप इतने दुबले पतले क्यों हो, जानें दिलचस्प जवाब

UPSC IAS इंटरव्यू में पूछा- आप इतने दुबले पतले क्यों हो, जानें दिलचस्प जवाब


UPSC IAS interview question: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का इंटरव्यू अमूमन 20 से 25 मिनट तक चलता है। आखिर इन कुछ मिनटों के दौरान कैसे आंका जाता है कि आप सिविल सेवा अधिकारी बनने लायक है या नहीं? आप इस देश की सर्वोच्च सिविल सेवाओं में शामिल होने के काबिल है या नहीं। अपनी किताब 'द स्टील फ्रेम: ए हिस्ट्री ऑफ आईएएस' को लेकर दिए एक इंटरव्यू के दौरान यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन दीपक गुप्ता ने कहा कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के सिलेबस में यह साफ साफ लिखा होता है कि इंटरव्यू का क्या उद्देश्य है। हर उम्मीदवार को इस पर जरूरी नजर डालनी चाहिए। उसमें लिखा होता है उम्मीदवार का एटीट्यूट, कम्युनिकेशन एबिलिटी, लॉजिकल रीजनिंग चेक की जाएगी। इंटरव्यू में उम्मीदवार को नॉलेज का नहीं बल्कि उसकी अवेयरनेस का टेस्ट होता है। नॉलेज पहले की परीक्षाओं में हो चुकी होती है। देश दुनिया की हलचल से आपका रूबरू होना जरूरी होता है। इसके अलावा आप जो भी बात कहें उसके हर पहलू से आपको अवगत होना चाहिए। अगर इंटरव्यू बोर्ड में से कोई सदस्य आपके जवाब पर काउंटर कर दें तो आप क्या कहेंगे। हर पहलू के बारे में सोचना चाहिए। हर विषय को गंभीरता से लेने और समझने की जरूरत होती है। कॉन्फिडेंस, नॉर्मल और नेचुरल होना चाहिए। 


उन्होंने बताया कि उम्मीदवार के अंदर से एक ईमानदार इंसान की झलक दिखनी चाहिए। एक पुराने वाकये का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक बार इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य ने उम्मीदवार से पूछा - Why are you so Lean and Thin? ( आप इतने दुबले पतले क्यों हैं? ) । उम्मीदवार ने जवाब में कहा- Sir, IAS is not joke and Allahabad University is not sanatorium । ( आईएएस कोई मजाक नहीं है और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कोई सेनेटोरियम (जहां मरीजों को स्वस्थ करने के लिए लंबे समय तक रखा जाता है) नहीं है। 
यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन ने कहा- तो इस तरह आपके अंदर से एक ईमानदार आदमी की झलक दिखनी चाहिए। आपको अपनी बात को कहना, आर्ग्यू करना आना चाहिए। आपको आगे बहुत बड़ी जिम्मेदारी संभालनी है।


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